Independent India & Lakshya75 to 100 Years
भगत सिंह के फासी के 3 घंटे पहले का ऐतिहासिक किस्सा
23 मार्च का दिन उन आम दिनों की तरह ही शुरू हुआ जब सुबह के समय राजनीतिक बंदियों को उनके बैरक से बाहर निकाला जाता था। आम तौर पर वे दिन भर बाहर रहते थे और सूरज ढलने के बाद वापस अपने बैरकों में चले जाते थे। लेकिन आज वार्डन चरत सिंह शाम करीब चार बजे ही सभी कैदियों को अंदर जाने को कह रहा था। सभी हैरान थे, आज इतनी जल्दी क्यों। पहले तो वार्डन की डांट के बावजूद सूर्यास्त के काफी देर बाद तक वे बाहर रहते थे। लेकिन आज वह आवाज काफी कठोर और दृढ़ थी। उन्होंने यह नहीं बताया कि क्यों? बस इतना कहा, ऊपर से ऑर्डर है।
कैप्टन मनोज कुमार पांडे (परम वीर चक्र से सम्मानित) जन्म 25 जून 75 शहीद दिवस 3 जुलाई 99
कारगिल युद्ध में राष्ट्र रक्षा के लिए बहादुरी से दुश्मनों का मुकाबला करनेवाले मनोज कुमार पांडे का एक ही संकल्प था इंडिया फर्स्ट यानि राष्ट्र सर्वप्रथम। राष्ट्र की सुरक्षा में अपनेप्राणों की आहुति देकर वीरगति को प्राप्त हुए मनोज पांडे को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। इस युद्ध के दौरान उन्होंने अदम्य साहस, वीरता और असाधारण नेतृत्व का परिचय दिया जिस पर संपूर्ण राष्ट्र को है गर्व…..
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सुभाष चंद्र बोस की भूमिका (Role of Subhash Chandra Bose in India's Freedom Struggle)
सबसे महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे सुभाष चंद्र बोस, जिन्हें नेताजी के नाम से जाना जाता है, । वह उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता के साथ उत्कृष्ट वक्ता भी थे। उन्हें भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी के लिये जाना जाता है।
वह सी.आर. दास के साथ राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न थे और उनके साथ जेल भी गए। जब सीआर. दास को कलकत्ता को-ऑपरेशन का मेयर चुना गया तो उन्होंने बोस को मुख्य कार्यकारी नामित किया था। सुभाष चंद्र बोस को वर्ष 1924 में उनकी राजनीतिक गतिविधियों के लिये गिरफ्तार किया गया था।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की कुछ यादें
· नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंति की वर्षगांठ पर भारत सरकार ने नेताजी के जन्मदिवस को पराक्रम दिवस) के रूप में मनाने का फैसला किया है।
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